Bhavaprakashika

Bhavaprakashika

Baarayya Baa Baa

 || हरे श्रीनिवास हरि सर्वोत्तम । वायु जीवोत्तम । श्री गुरुभ्यो नमः ||

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बारैय्य बा बा

वारिजलयपतॆ वारिजनाभनॆ
वारिजभवपित वारिजनेत्रनॆ
वारिजमित्र अपार प्रभावनॆ
वारिजजांडद कारण दॊरॆयॆ
बारैय्य बा बा भकुतर प्रिय श्रीनिवास राय ||प||

मार जनक मुकुतरॊडॆय देवैय्य जीय ||अ-प||

स्यंदनवेरि बाप्प रंग देवोत्तुंग
नंद नंदन अरिमदभंग करुणापांग
सिंधुशयन सुंदरांग हे नारसिंग
कंद विरिंचियु नंदिवाहन अमरेंद्र
सनक सनंदनादि मुनिवृंद
निंदु बंदु धिं धिं धिमिकॆंदु
निंदाडलु आनंददि मनकॆ ||१||

जगत् जन्मादि कर्त गोविंद
उदरदि लोक लघुवागि धरिसिद मुकुंद
भकुतर मनकॆ झग झगिसुत पॊळॆवानंद निगमावळियिंद
अगणित मुनिगण नग खग मृग शशि
गगनमण्याद्यरु सॊगसागि बगॆ बगॆ
पॊगळुतलि बेग जिगिजिगिदाडलु
मुगुळुनगॆय महा उरग गिरिवास ||२||

तडमाड ब्याडवॊ हे नल्ल
वाकु लालिसु ऎन्नॊडॆय गोपाल विठ्ठल
देव पराकु अडि इडु भक्तवत्सल श्री लकुमिनल्ल
मडुविनॊळगॆ गज मॊरॆयिडलाक्षण
मडदिगॆ हेळदॆ दुडदुडनॆ बंदु
हिडिदु नक्रन बाय कडिदु बिडिसिदनॆ
सडगरदलि रमॆपॊडवियॊडगूडि बेग ||३||

🙏 ॥ भारतीरमणमुख्यप्राणान्तर्गत श्रीकृष्णार्पणमस्तु ॥  🙏