|| हरे श्रीनिवास । हरि सर्वोत्तम । वायु जीवोत्तम । श्री गुरुभ्यो नमः ||
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मोदल् वन्दिपे
मोदल् वन्दिपे निनगे गणनाथ
बन्द विघ्न कळेयो गणनाथ
मोदल् वन्दिपे निनगे गणनाथ ॥प॥
हिन्दे रावणनु मददिन्द निन्न पूजिसदे
सन्द रणदल्लि गणनाथ ॥१॥
माधवन आज्ञेयिन्द धर्मराय पूजिसलु
साधिसिद राज्य गणनाथ ॥२॥
मन्गळ मूरुति गुरु रंगविथलन पाद
हिंगदे पालिसो गणनाथ ॥३॥