Bhavaprakashika

Bhavaprakashika

Simharoopanaada Shri Hare

 || हरे श्रीनिवास हरि सर्वोत्तम । वायु जीवोत्तम । श्री गुरुभ्यो नमः || 

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सिम्हरूपनाद श्री हरे

सिम्हरूपनाद श्री हरे हॆ नामगिरीशने । (प)

ऒम्मनदिन्द निम्मनु भजिपर 

सम्मतदिन्द कायुव श्री हरि ॥ (अ.प)

तरळनु करॆयॆ स्थम्बवु बिरियॆ 

तुम्बु उग्रव तोरिदनु ।

करुळनु बगॆदु [तन्]कॊरळॊळु इट्टु 

तरळन सलहिद श्री नरसिम्हनॆ ॥ (च.१)

भक्तरॆल्ल कूडि बहु दूर ओडि 

परम शान्तवनु बेडिदरु ।

करॆदु तन् सिरिय तॊडॆयॊळु कुळीसिद 

परम हरुषव तॊरिद श्री हरि ॥ (च.२)

जय जय जय वॆन्दु हूवनु तन्दु 

हरि हरि हरियॆन्दु सुररॆल्ल सुरिसॆ ।

भय निवारण भाग्य स्वरूपने 

परम पुरुष श्री पुरन्दर विट्ठलने ॥ (च.३)

🙏 ॥ भारतीरमणमुख्यप्राणान्तर्गत श्रीकृष्णार्पणमस्तु ॥  🙏